class 10th (विधुत) vvi subjective question | ncert class 10th science विधुत

मैट्रिक परीक्षा 2022
  • विधुत :- विभवान्तर के अधिन आवेशो के प्रवाह को ही विधुत धारा कहा जाता है |विधुत धरा को एमिटर द्वारा मापा जाता है | इसका si मात्रक एम्पियर होता है जिसे A द्वारा निरुपित किया जाता है |
  • विभव :- एकांक धन आवेश से किसी निश्चित विन्दु तक लाने में किये गए कार्य को ही विभव कहते है | विभव को V द्वारा निरुपित किया जाता है | इसका si मात्रक वोल्ट होता है |
  • विभवान्तर :- विभव के अंतर को विभवान्तर कहते है | दुसरे शब्दों में एकांक धन आवेश से किसी निश्चित विन्दु तक लेन में किये गए कार्य को विभवान्तर कहते है इसे V द्वारा निरुपित किया जाता है | तथा इसका si मात्रक वोल्ट होता है |
  • प्रतिरोध :- किसी पदार्थ का वह गुण जो विधुत धारा के प्रवाह में अवरोध या रूकावट उत्पन्न करता है उसे प्रतिरोध कहा जाता है | प्रतिरोध का si मात्रक ओम होता है जिसे Ω ओमेगा द्वारा सूचित किया जाता है | किसी भी चालक का प्रतिरोध निम्न्लिखित बातों पर निर्भर करता है |
    • चालक तार की लम्बाई पर :- चालक तार की लम्बाई बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ता है और तार की लम्बाई घटने पर प्रतिरोध घटता है |
    • चालक तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर :- चालक तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल बढ़ने पर प्रतिरोध घटता है |
    • चालक तार के प्रकृति पर :- सोना और चांदी का प्रतिरोध कम होता है जबकि लोहा का प्रतिरोध अधिक होता है |
    • ताप पर :– ताप बढ़ने से प्रतिरोध घटता है और ताप घटने से प्रतिरोध बढ़ता है |
  • एक ओम :- किसी चालक सिरे पर वोल्ट विभवान्तर लगने से एम्पियर की धारा प्रवाहित होती है तो उस प्रतिरोध को एक ओम कहा जाता है | अर्थात 1 Ω =
  • विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता :- किसी चालक इकाई अनुप्रस्थ प्रतिच्छेद वाले इकाई लम्बाई के खण्ड का प्रतिरोध उस पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधक्ता कहा जाता है | इसका si मात्रक ओम मीटर Ωm कहा जाता है |
  • विशिष्ट चालक :- विशिष्ट प्रतिरोध के प्रतिओम को विशिष्ट चालक कहते है | इसका si मात्रक ओम प्रति मीटर Ω/m होता है |
  • प्रतिरोधताप गुणांक :- किसी चालक के अनुप्रस्थ काट को पार करने वाली विधुत धारा की प्रबलता उस अनुप्रस्थ काट से होकर प्रति इकाई समय में प्रवाहित आवेश का परिणाम है | इसे ही प्रतिरोधताप गुणांक कहते है | इसे I द्वारा निरुपित किया जाता है अर्थात I =  या Q =  
  • चालक , अचालक, अर्धचालक और अतिचालक क्या है ?
    • चालक वैसे पदार्थ जिनसे होकर विधुतधारा प्रवाहित किया जाता है | उसे ही चालक कहा जाता है | दुसरे शब्दों में वैसे पदार्थ जिनसे विशिष्ट चालकक्ता अधिक होती है | उसे चालक पदार्थ कहते है जैसे :- लोहा , ताम्बा , सोना , एल्यूमिनियम इत्यादि
    • अचालक – वैसे पदार्थ जिनसे होकर विधुतधारा प्रवाहित नही किया जाता है उसे अचालक कहते है | जैसे :- रबड़ , प्लास्टिक , लकड़ी , इत्यादि
    • अर्धचालक वैसे पदार्थ जिसकी विशिष्ट प्रतिरोध चालक और अचालक के बिच हो उसे अर्धचालक कहते है | जैसे जर्मेनियम
    • अतिचालक :- वैसे पदार्थ जिनसे अतिनिम्न ताप पर बिना किसी प्रतिरोध के धारा प्रवाहित होती है उसे ही अतिचालक कहते है | जैसे बेरियम और लिथियम
  • परिपथ :- ऐसे व्यवस्था जिनसे लगातार विधुतधारा प्रवाहित होती है | उसे ही विधुत परिपथ कहते है | विधुत परिपथ प्रायः बैट्री एवं डैनेमो से जड़ी रहती है | विधुत परिपथ दो प्रकार के होते है |
    • पावर वायरिंग
    • डोमेस्टिक वायरिंग
  • अतिवारण और लघुपथन क्या है ?
    • अतिवारण :- जब परिपथ में ऐसे उपकरण जोड़ दिया जाये जो विधुत स्रोतों से अधिक धारा लेने लगे जिससे परिपथ में विधुतधारा का मान बढ़ जाता है | और परिपथ में लगे तार गर्म होकर जल जाते है | उसे अतिवारण कहते है |
    • लघुपथन :- जब किसी कारण वश गर्म तार और ठंडा तार आपस में सट जाते है | तो परिपथ का प्रतिरोध कम हो जाता है जिससे परिपथ में उच्च धारा प्रवाहित होने लगते है इसी घटना को लघुपथन कहा जाता है |
  • एमिटर :- वैसे यंत्र जिसके द्वारा विधुत परिपथ में प्रवाहित विधुत धारा का मान मापा जाता है | उसे ही एमिटर कहते है इसे A द्वारा सूचित किया जाता है तथा परिपथ में इसे श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है |
  • वोल्ट मीटर :- वैसे यंत्र जिसके द्वारा विधुत परिपथ में दो विन्दु के बिच विभवान्तर मापा जाता है उसे वोल्ट मीटर कहा जाता है | इसे V द्वारा सूचित किया जाता है तथा इसे परिपथ में सामानांतर क्रम में जोड़ा जाता है |
  • एमिटर को श्रेणी क्रम में क्यों जोड़ा जाता है :- परिपथ में प्रवाहित होने वाला धारा में अवरोध उत्पन्न होता है तथा परिपथ में पूरी धारा प्रवाहित होती है यही कारण है की आवेश से एमिटर को श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है |
  • एमिटर और वोल्टमीटर में अंतर :- एमिटर और वोल्टमीटर में प्रमुख अंतर निम्नलिखित है

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